Sunday, September 8, 2024

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इस राज्य की सरकार को हाई कोर्ट ने दिया बड़ा झटका, 75% वाला आरक्षण कानून किया रद्द

हरियाणा की खट्टर सरकार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से एक बड़ा झटका मिला है। हाईकोर्ट ने राज्य के युवाओं को प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में 75% रिजर्वेशन देने वाले 2020 के हरियाणा सरकार के कानून को रद्द कर दिया। यह चौंका देने वाला फैसला जस्टिस जीएस संधावालिया और हरप्रीत कौर जीवन ने सुनाया।

हाईकोर्ट ने दिया ये तर्क

हाईकोर्ट द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता अक्षय भान ने कहा कि पीठ ने पूरे अधिनियम को रद्द कर दिया है। अक्षय भान इस मामले में याचिकाकर्ता थे। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले में यह तर्क दिया गया कि हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों का रोजगार अधिनियम, 2020 संविधान के अनुच्छेद 14 और 19 का उल्लंघन करता है।

संविधान के भाग III का उल्लंघन

हाईकोर्ट को राज्य के उम्मीदवारों को प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में 75% आरक्षण प्रदान करने वाले अधिनियम के कार्यान्वयन के खिलाफ कई याचिकाएं मिली थीं। जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस हरप्रीत कौर जीवन की पीठ ने कहा कि यह कानून असंवैधानिक है और संविधान के भाग III का उल्लंघन है। राज्य सरकार ने 2021 में कानून को अधिसूचित किया था। उस वक्त हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला ने कहा था कि आरक्षण से राज्य के युवाओं को बहुत फायदा होगा।

याचिकाकर्ताओं ने कही ये बात

दूसरी ओर याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि हरियाणा सरकार गलत नीति लागू करना चाहती थी। इससे नौकरी देने वाले और नौकरी के लिए जूझ रहे लोगों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन होगा. याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि प्राइवेट सेक्टर की नौकरियां पूरी तरह से कर्मचारियों की प्रतिभा पर आधारित हैं। इस तरह का आरक्षण योग्यता के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।

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