Gujarat Riots: गुजरात दंगों के लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। यह खुलासा तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाने के मामले में गिरफ्तार तीस्ता सीतलवाड़ को लेकर हुआ है। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में कहा कि सीतलवाड़ एक नेता के लिए टूल के रूप में काम कर रही थीं। इतना ही नहीं सरकार की तरफ से दावा किया गया कि तीस्ता को यदि जमानत मिली को वह सबूतों को नष्ट कर सकती है।
कांग्रेस नेता ने दिए थे 30 लाख रुपये
गुजरात सरकार के वकील मितेश अमीन ने हाईकोर्ट को बताया कि तीस्ता सीतलवाड़ पर मुकदमा सबूतों से छेड़छाड़ करने और प्रोपगेंडा फैलना का चल रहा है। मितेश ने कहा, ‘कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल ने तीस्ता को 30 लाख रुपये दिए थे।’
टूल की तरह काम करती थी सीतलवाड़
रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार ने कहा कि यह राशि 2002 के दंगों के बाद एनजीओ संचालिका को दी गई थी, ताकि मोदी सरकार को अस्थिर किया जा सके। वहीं, मुकदमे की सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार ने कहा, तीस्ता ने अहमद पटेल के लिए टूल के रूप में काम किया है। वकील मितेश अमीन ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ ने पुलिस अधिकारियों आरबी श्रीकुमार और संजीव भट्ट के साथ मिलकर सरकार को अस्थिर करने के लिए साजिश रची थी।
एसआईटी को जांच में मिले अहम सबूत
राज्य सरकार द्वारा बनाई गई विशेष जांच दल के दावे का जिक्र अदालत में हुआ। एसआईटी ने कहा था कि उसने जांच में सबूत इकट्ठा किए हैं। जिससे पता चलता है कि तीस्ता को एक राजनीतिक दल के नेता से पैसे मिले थे। इन्हीं आधारों पर गुजरात सरकार ने सेशन कोर्ट में सीतलवाड़ की जमानत का विरोध किया था।