Dark Web Report: गूगल (Google) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने यूजर्स को डार्क वेब रिपोर्ट (Dark Web Report) फीचर जारी किया है. गूगल का डार्क वेब फीचर भारत में Google One सब्सक्राइबर्स के लिए है जो कि एक पेड सर्विस है. डार्क वेब रिपोर्ट में डाटा लीक की जानकारी होती है. इस रिपोर्ट की मदद से यूजर्स जान सकेंगे कि उनका डाटा लीक हुआ है या नहीं और यदि हुआ है तो कहां से लीक हुआ है.
दरअसल, Google भारत में अपने Google One ग्राहकों के लिए Dark Web Report फीचर उपलब्ध करा रहा है. बता दें कि डार्क वेब अवैध कामों को करने के लिए हैकर्स और बदमाशों का अड्डा है. धोखेबाज इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल गैर-कानूनी कामों को करने के लिए और अवैध रूप से लोगों का संवेदनशील पर्सनल डेटा खरीदने-बेचने के लिए करते हैं. लेकिन अब यूजर्स अपनी पर्सनल डिटेल को इंटरनेट के सबसे अंधेरे कोने यानी डार्क वेब पर भी ट्रैक कर सकेंगे. इस साल की शुरुआत में, Google One ने अमेरिका में सभी यूजर्स के लिए अपनी सर्विसेस शुरू कीं. पहले, यह सर्विस खास तौर से प्रीमियम 2TB प्लान वाले ग्राहकों के लिए उपलब्ध थी.
क्या है डार्क वेब रिपोर्ट?
यदि किसी यूजर्स की निजी जानकारी जैसे नाम, जन्म तारीख, फोन नंबर, ई-मेल एड्रेस जैसी जानकारी किसी डाटा लीक में लीक होती है तो इसकी जानकारी गूगल देगा. गूगल द्वारा दी गई इन जानकारियों के आधार पर यूजर्स अपने अकाउंट की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकेंगे.
गूगल के यूजर्स इसकी भी सेटिंग कर सकेंगे कि उन्हें कब-कब और किस तरह की जानकारियों के लीक होने के बाद रिपोर्ट मिले. वैसे आप भी अपनी ई-मेल आईडी से डार्क वेब रिपोर्ट चेक कर सकते हैं, लेकिन आपको गूगल वन यूजर्स की तरह विस्तृत रिपोर्ट नहीं मिलेगी.
डार्क वेब रिपोर्ट फीचर अन्य संबंधित डिटेल्स पर भी नजर रखेगा, जो हैकिंग के प्रयासों के साथ-साथ डेटा डंप में पाए जा सकते हैं, साथ ही इसमें यूजर्स की मॉनिटरिंग प्रोफाइल पर मौजूद प्राइवेट डेटा से मेल खाते ऑब्जर्वेशन भी होंगे. यूजर्स की मॉनिटरिंग प्रोफाइल में स्टोर डेटा को गूगल के प्राइवेसी स्टैंडर्ड का अनुपालन करने के लिए मैनेज किया जाता है, और यूजर्स के पास किसी भी समय ट्रैकिंग को डिलीट करने या डिएक्टिवेट करने की भी सुविधा होगी.